INSPIRATIONAL BLOG IN HINDI

"आत्मग्लानि प्राणघातक ही नहीं अपितु अज्ञानता की चरमसीमा भी है; जीवनयापन एक कला है और इस कला को सीखना आपकी जिम्मेदारी है "


"क्या आपका भाग्य विपरीत है? दुर्भाग्यवश इस पर आपका कोई नियंत्रण नहीं. परन्तु जिस पर नियंत्रण है, उसे बदलने के लिए अब तक आपने क्या किया?"


"आवश्यकता से अधिक सोचने की आदत हमें उलझनों में डाल देती है. सहज, सकारात्मक एवं युक्तिसंगत विचार सफलता की दिशा निर्धारित करते हैं."

सर्वद्रव्येषु विद्यैव द्रव्यमाहुरनुत्तमम्।
अहार्यत्वादनर्ध्यत्वादक्षयत्वाच्च सर्वदा॥

सब द्रव्यों में विद्यारुपी द्रव्य सर्वोत्तम है, क्योंकि वह किसी से हारा नहीं जा सकता; उसका मूल्य नहीं हो सकता, और उसका कभी नाश नहीं होता. किताबों को मिनटों में समेटने की यह कोशिश पसंद आये तो हमें सब्सक्राइब अवश्य करें.

और पढ़ें....

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय॥

यह एक कड़वी सच्चाई है - हम अपनी असफ़लता का कारण किसी और को मानते हैं. जिस दिन अपने अन्दर झांकना प्रारंभ कर देंगे, आपकी दुनिया बदलती प्रतीत होगी . आप अपने आपबीती के एक हद तक जिम्मेदार हैं.

और पढ़ें....

महाजनस्य संसर्गः, कस्य नोन्नतिकारकः।
पद्मपत्रस्थितं तोयम्, धत्ते मुक्ताफलश्रियम्॥

महापुरुषों का सामीप्य किसके लिए लाभदायक नहीं होता, कमल के पत्ते पर  पड़ी हुई पानी की बूँद भी मोती जैसी शोभा प्राप्त कर लेती है. महापुरुषों के सामीप्य हेतु पढ़ें - SANATAN SCIENCE - AN INSPIRATIONAL BLOG IN HINDI.

और पढ़ें....

क्षणशः कणशश्चैव विद्यां अर्थं च साधयेत्।
क्षणे नष्टे कुतो विद्या कणे नष्टे कुतो धनम्॥

प्रत्येक क्षण का उपयोग सीखने के लिए और प्रत्येक छोटे से छोटे सिक्के का उपयोग उसे बचाकर रखने के लिए करना चाहिए, क्षण को नष्ट करके विद्याप्राप्ति नहीं की जा सकती और सिक्कों को नष्ट करके धन नहीं प्राप्त किया जा सकता.

और पढ़ें....