यह धार्मिक ब्लॉग नहीं, परंतु...

SANATAN SCIENCE का उद्देश्य धार्मिक मान्यताओं को निरर्थक साबित करना नहीं है. सहस्त्रों प्रसंग जो कि धार्मिक ग्रंथों में उल्लिखित हैं, प्रेरणा के श्रोत एवं ज्ञानवर्धक हैं. अनगिनत नीति वचन आज भी पथप्रदर्शक स्वरूप उपलब्ध हैं. जैसा कि अपवाद हर दर्शन में पाया जाता है, धर्म भी अछूते नहीं. यदि वैदिक काल से लेकर आधुनिक आध्यात्मिक दर्शन की विवेचना करें तो कई कुरीतियों का निराकरण भी हुआ है और कई प्रकार की अमान्य धारणाएं भी विकसित हुई हैं. 

सदियों से चले आ रहे जीवनोपयोगी अनुभवों को धार्मिक सिद्धांतस्वरूप ग्रंथों में संग्रहित किया गया है. इससे इनकार कोई मूर्ख ही कर सकता है. विद्वत्ता इस बात पर निर्भर करती है कि आप सीप से मोती निकालना जानते हैं या नहीं.

सनातन साइंस vs सनातन धर्म?

जैसा कि सभी जानते हैं, सनातन का मतलब होता है - जो सदियों से चला आ रहा हो. सनातन धर्म कहते ही हिंदू धर्म का वैदिक काल मस्तिष्क में चित्रित होता है. परंतु हम यहां "SANATAN SCIENCE" की बात करेंगे. सनातन साइंस ब्लॉग, सदियों से संकलित किताबों में बंद ज्ञान, और उसकी उपयोगिता को समझने तथा उसके अनुरूप जीवन को प्रसस्त करने हेतु समर्पित है. अतः इसका किसी धर्म विशेष से कोई लेना देना नहीं. ज्ञान धार्मिक परिधि से परे होता है. कहते हैं...

साधू ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय।
सार सार को गहि रहे, थोथा देइ उड़ाय।।

हमनें कई ऐसी दन्त कथाएं सुन रखी हैं जो बिना धर्म को छुए लोगों में ज्ञान की गंगा सी बहती रहीं. इन कथाओं ने हमारे समाज को संबल दिया है. हम इसमें निहित प्रयोगों को विज्ञान की संज्ञा देते हैं और प्राचीनता को सनातन की.

यह ब्लॉग महान पुरुषों के अनुभवों से सीखने का प्रयत्न है. इसे धर्म विशेष से जोड़कर न देखा जाए. हर तरह का जीवनोपयोगी दर्शन हमारे रहन-सहन का विज्ञान है. यह उनके लिए है, जिन्होंने बचपन में अलिफ़ लैला उतना ही पसंद किया जितना पंचतंत्र की कहानियां. और बड़े होकर सूफ़ियाना गानों को भजन समझते हैं. यह ब्लॉग उनके लिए भी है जो अंग्रेजी नहीं जानते परंतु उन्हें इस भाषा से द्वेष भी नहीं.

यदि एक लाइन में कहा जाए तो यह खुले विचारधारा वाले लोगों के लिए है. जो दिल से सफल होना चाहते हैं, यह उनके लिए है.

लेखक परिचय

नमस्कार मित्रों! मेरा नाम बृजेश उपाध्याय है. और ब्लॉगिंग मेरे लिए एक सामाजिक कार्य है.

कुछ लोग मुझे हसमुख व्यक्तित्व का मालिक कहते हैं. तो कुछ लोगों के अनुसार मैं हमेशा चिंतित मुद्रा में रहता हूँ. मैं खुली विचारधारा का व्यक्ति हूँ. इसलिए किताबों के विषय में मेरा क्षितिज विस्तृत है. मेरा किताबी ज्ञान तब तक निरर्थक है, जब तक यह आपके जीवन में कोई सकारात्मक परिवर्तन नहीं लाता. कोई व्यक्ति कहाँ तक पहुंचा है, इसकी विवेचना करने से पहले, यह जान लेना आवश्यक होता है कि वह कहां से चला है. अतः महत्वाकांक्षा और आत्मसंतुष्टि का सही मिश्रण ही उत्कृष्ट जीवन शैली है.

मेरे विचार


सफलता क्या है?

सफलता को किसी पैमाने पर नापा नहीं जा सकता. स्थान, समय और व्यक्ति विशेष तथा उसकी आवश्यकता के आधार पर इसका अवमूल्यन होता है. जैसे कोई बच्चा अपनी मनचाही वस्तु की प्राप्ति को सफलता समझता है, ठीक उसी भांति हर व्यक्ति अपनी राहों के पत्थर को हटाने के बाद या मनचाहा लक्ष्य प्राप्त करने के उपरांत, स्वयं को सफल समझता है. परन्तु वास्तव में वह व्यक्ति सफल है, जो अपनों को समय दे सकता है, आर्थिक रूप से संपन्न है, शारीरिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ भी है और सामाजिक दायित्व को पूर्ण करने में सक्षम है. मैं यहाँ अध्यात्मिक सफलता की बात नहीं करूँगा. 

ईश्वर का अस्तित्व

यदि अपवादों को छोड़ दें, तो हजारों सफल व्यक्तियों में शायद ही कोई मिले जो ईश्वर में विश्वास नहीं करता हो. मनोवैज्ञानिक भी मानते हैं की धार्मिक व्यक्ति अधिक व्यवहारकुशल, शांतचित्त और सकारात्मक विचारों का धनी होता है. सफलता प्राप्त करने के लिए ये सारे गुण आपके भीतर होने चाहिए. अर्थात आपको अपने संस्कृति एवं श्रद्धानुसार ईश्वर की आराधना करनी चाहिए.

ईश्वर की प्राप्ति

ईश्वर को प्राप्त करने के लिए दिशाहीन कोशिश बेकार है. ईश्वर अनेकों रूपों में आपके पास है, आपको इसकी अनुभूति नहीं. वह आपके सामने आद्यांतहीन प्रकृति के स्वरूप में विद्यमान है. वह आपके भीतर की प्राणवायु है. ये वहीँ सूक्ष्म चेतना है जो आपके शरीर की सारी व्यवस्था को उस समय भी संचालित रखती है जिस समय आप अचेतावस्था में पड़े रहते हैं. 

चमत्कार क्या है?

चमत्कार अंतर्मन की सकारात्मक ऊर्जा से उत्पन्न उपलब्धि का नाम है. और यह आज भी संभव है. जो हमारी सोच से परे हो यदि वह घटित हो जाए, तो उसे चमत्कार कहते हैं. हजारों वैज्ञानिक प्रयोग ऐसे हैं जिनके बारे में हम अंजान हैं. परंतु जब इनके प्रयोग देखते हैं तो आश्चर्य होता है. हम ऐसे प्रयोगों को चमत्कार मान लेते हैं. इसके विपरीत कई बार ऐसा भी होता है कि हम किसी अप्राप्य की कामना करते हैं और वह सहजता से प्राप्त हो जाता है. यह चमत्कार नहीं तो और क्या है?

धर्म एवं धार्मिक कथाएँ:

शांति, संतुष्टि, अस्तित्व, सुव्यवस्थित जीवन तथा जीवन की उपयोगिता की खोज ने धर्म एवं धार्मिक कथाओं को जन्म दिया है. यदि हमारा अस्तित्व पृथ्वी से परे किसी श्रोत से जुड़ा है, अथवा हमारी धरती के इतिहास में सारी चमत्कारिक घटनाएं घटित हुई हैं, या किसी की सोची समझी साज़िस है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. अगर बारीकी से देखा जाए, तो हम आज जो कुछ भी हैं; उसमें धर्म और इसकी कथाओं का बहुत बड़ा योगदान रहा है.

कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी है. जिस तरह सुविधाओं की तलाश ने विभिन्न प्रकार के अत्याधुनिक यंत्रों को जन्म दिया, उसी तरह विचारों के मंथन द्वारा अनेकों प्रकार के दर्शन उत्पन्न हुए. धर्म भी आचरणपूर्ण जीवन का दर्शन है. और कोई भी दर्शन आधारहीन नहीं होता. अतः धर्म एवं धार्मिंक कथाओं को आधारहीन बताकर माखौल उड़ाना दुर्भाग्यपूर्ण है. बुद्धिमान व सज्जनपुरुष कभी ऐसा नहीं करते.

Sanatan Science - The Blog

इस ब्लॉग पर किताबों के संक्षिप्त विवरण, सारांश तथा विवेचना पढ़ सकते हैं. इसके अतिरिक्त सुविचार, आत्मचिंतन को प्रेरित करने वाले प्रसंग, जीवनोपयोगी दर्शन इत्यादि भी पढ़ सकते हैं. आपका सब्सक्रिप्शन, शेयर और लाइक ही हमारे आत्मविश्वास की ईंधन है. आशा है आपके पास इन खनिजों की कोई कमी नहीं होगी. धन्यवाद!

-बृजेश उपाध्याय