Anger Management
क्रोध में धैर्य का एक मिनट आपको सौ दिनों के दुःख से बचा सकता है.
चाहकर भी क्रोध से नहीं बचा जा सकता. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने विवेकशील हैं, आप कुछ इस प्रकार की अप्रत्याशित स्थिति में पड़ सकते हैं जो आपको आवेशपूर्ण व्यवहार करने के लिए मजबूर कर देता है. गुस्सा भी एक प्रकार का आवेश है. आप अपने दिमाग और शरीर पर नियंत्रण खो देते हैं.
ऐसी स्थितियों से बचने के लिए नियमित रूप से इसे टालने का अभ्यास करना पड़ता है. ऐसा कहा जाता है “क्रोध में धैर्य का एक मिनट आपको सौ दिनों के दुःख से बचा सकता है”.
कुछ विविवेकशील लोग क्रोध को नियंत्रित कर पाते हैं, लेकिन 99% लोग छोटे – छोटे मुद्दों पर उबल पड़ते हैं. मेरे एक दोस्त ने मुझसे पूछा, “क्रोध कितने प्रकार का होता है? और इसे कैसे दूर किया जाए “? जी हां, जाहिर सी बात है, यह सवाल अप्रासंगिक सा प्रतीत होता है परन्तु हम इसे परिस्थितियों के मुताबिक तीन हिस्सों में बांट सकते हैं.
3 types of Anger Triggering Situation
वैसे तो किसी को भी उत्तेजित करने के लिए हजारों कारण हैं. बच्चे हर अनावश्यक बात पर क्रोधपूर्ण व्यवहार करने लगते हैं. कुछ लोग आनुवांशिक रूप से ग्रसित होते हैं, तो कुछ लोग असुरक्षा या भय के कारण धीरे – धीरे अव्यवहारिक हो जाते हैं. हम यहाँ कुछ ऐसी परिस्थितियों के बारे में विस्तृत रूप से समझेंगे.
- जब हमारे अहंकार को ठेस पहुंचती है
- हमारे साथ अप्रत्याशित घटनाएँ घटती हैं
- अवांछित लोगों के साथ टकराव होती है
हम नियंत्रण खोने से पहले इसे रोकने के लिए कुछ सावधानी बरत सकते हैं। आइए प्रत्येक परिस्थिति को विस्तार से समझें और इससे कैसे बचें अथवा इस स्थिति में पड़ने पर खुद को कैसे संभालें.
हमारे अहंकार को ठेस पहुंचती है…
असुरक्षा, भय और चिंता अहंकार के मूल कारण हैं. जब अहंकार पैदा होता है, हम नियंत्रण खो देते हैं. असुरक्षित व्यक्ति ज्ञान या धन से भरा होने का नाटक करता है। कभी-कभी वह अन्य लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाने में गर्व महसूस करता है. लेकिन जब वह खुद को तर्क वितर्क में पीछे पाता है, तो झगड़ना शुरू कर देता है. भय, आत्म-संदेह और असुरक्षा से उत्पन्न होता है. अहंकारी व्यक्ति नकारात्मक उर्जा द्वारा ग्रसित और प्रताड़ित होता है.
तथ्यों को पहचानें
जब आपसी चर्चा अश्लील बिन्दुओं को छूने लगती है तब तर्क और कुतर्क पैदा होता है. परन्तु इसका भी मूल कारण अहंकार है. तथ्यों को पहचानें, गलतियाँ आपकी तरफ से हो रही हैं या विपक्ष की तरफ से. अगर आप खुद को दोषी पाते हैं, तो बातचीत से खुद को हटा दें.
यदि विपक्ष अहंकारी है, तो उसकी स्थिति का मूल्यांकन करें. वह किसी परिस्थिति बस असुरक्षित या भयभीत हो सकता है, यही कारण है कि वह श्रेष्ठता का नाटक कर रहा है. उसके साथ बहस करने का कोई मतलब नहीं. उसे इस खेल में जीतकर गौरवान्वित होने दें.
सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर अहंकार का शमन करें
यदि आप अपने आप का सम्मान करते हैं, तो आप अन्य लोगों को चोट पहुंचाने से बचेंगे. सकारात्मक व्यवहार सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है. इससे आपको तर्कसंगत रूप से समस्याओं को समझने में मदद मिलती है. आप अपनी कमजोरियों को पहचानकर उसे सुधार सकते हैं. आत्म-संदेह त्यागें और उन्नत सोंच रखें. यह आपके व्यवहार को बदल देगा.
क्रोध उत्पन्न करने वाली परिस्थितियों से बचें
अव्यवहारिक और अवांछित चर्चा से बाहर निकलने के कई तरीके हैं. आप कुछ सावधानी बरत सकते हैं … ..
- सकारात्मक विचार विमर्श या बातचीत में हिस्सा लें.
- आधारहीन विषयों पर गपशप करने से बचें.
- अगर तर्क दिशाहीन हो जाये, तो विषय को बदलने का प्रयत्न करें.
- किसी व्यक्ति की श्रद्धा के विपरीत तर्क न करें.
- अगर कोई अप्रत्याशित घटना घटित होती है तो दोषारोपण से बचें.
- विचारधारा के खिलाफ राजनीतिक मुद्दे पर चर्चा न करें.
यदि आप गुस्से में हैं …
- स्वयं को टोंकने का अभ्यास करें – रुको! क्या यह ठीक है?
- यह समझने की कोशिश करें कि आप गुस्से में हैं और यह केवल आपके और आपके परिवार के लिए हानिकारक है.
- आप वर्षों से खुद को जानते हैं. विपक्ष के शब्दों से आहत नहीं होना चाहिए. वह आपके बारे में कुछ नहीं जानता. शायद वह असुरक्षित हो सकता है या सिर्फ एक मूर्ख. वह आपके ध्यान देने के योग्य नहीं है.
- यदि आप सोचते हैं, कि आप अन्य लोगों की तुलना में बेहतर हैं. तो चुपचाप अपनी श्रेष्ठता का आनंद लें.
- जहाँ लोग अपनी प्रशंशा में जुटें हो, वहां से हट जाना ही श्रेयस्कर होता है. उन्हें अपनी जीत पर गौरवान्वित होने दें.
हमारे साथ अप्रत्याशित घटनाएँ घटती हैं …
आपकी पत्नी टाई लेकर तैयार नहीं है? आप उस पर चिल्लाना शुरू कर देते हैं. चुटकुले की बात सही, लेकिन वास्तविक रूप से हम ऐसे मुद्दों पर प्रतिदिन ऐसा ही करते आ रहे हैं. हम उन बच्चों के साथ लड़ते हैं जो अब बड़े हो गए हैं.
पति और पत्नी इस तरह की छोटी – छोटी बातों पर एक दूसरे के साथ लड़ रहे हैं. कभी-कभी हम जानबूझकर महत्वहीन विषयों पर अपनी चिंता व्यक्त करते हैं और परिवार के अन्य सदस्यों की शांति बर्बाद करते हैं.
अधिकतर अवांछित अनुभव परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ होते हैं जिन्हें हम प्यार करते हैं, उनकी देखभाल करते हैं या उनके बारे में गहरी चिंता करते हैं. लेकिन फिर भी हम एक-दूसरे से नाराज हो जाते हैं. इसके अलावा यदि हम लंबे समय तक ऐसी स्थिति में बने रह गए, तो हमारे संबंध हमेशा के लिए टूट जाते हैं.
क्या करें?
- अगर आप अपने परिवार से प्यार करते हैं, तो मामूली बातों को अनदेखा करें.
- अगर किसी प्रकार की अनबन होती है तो अपनी तरफ से बातचीत शुरू करने का पयत्न करें.
- सकारात्मक चर्चा से आपसी मतभेत ख़तम करें.
- आवेश में आने से पहले खुद को उस व्यक्ति के स्थान पर रखकर सोचें जिस पर हम क्रोधित हैं.
- आपको इस तथ्य को जानना चाहिए कि आप किसी के व्यक्तित्व को नहीं बदल सकते हैं.
- उसकी कमियों को स्वीकार करें. उनमें से कुछ कमियां आपके भीतर भी हैं.
- अगर आपको लगता है कि उसे सुधरना चाहिए तो भी अपनी बुद्धि या अच्छाई को उस पर न थोपें. उसे मनाने के लिए बेहतर समय की प्रतीक्षा करें और अपनी सोंच से अवगत कराएँ.
- यदि आप गुस्से में हैं तो किताबों, टीवी या फोन में खुद को उलझाएँ.
- लड़-झगड़कर तुरंत घर से बाहर न निकलें. ऐसा करने से स्थिति और बिगडती है. खुद को व्यस्त दिखाने का प्रयत्न करें, जैसे कि आप कुछ नहीं सुन रहे हैं और तनाव की तीव्रता कम होने तक घर पर ही रहें.
- इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप अपने परिवार के लिए कितने बुरे हैं. वे हमेशा आपकी परवाह करते हैं. वे आपकी भलाई के बारे में सोचते हैं.
अवांछित लोगों के साथ टकराव होती है…
आप समुद्र के किनारे चल रहे हैं और प्रकृति की सुंदरता का आनंद ले रहे हैं. अचानक एक शराबी व्यक्ति कहीं से आ टपकता है और आपसे दुर्व्यवहार करना शुरू कर देता है. आप आवेशित हो जाते हैं . मन करता है उसे अच्छा सा सबक सिखा दें. लेकिन लोग आपको ही दोषी करार देंगे क्योंकि आप होश में हैं और स्थिति को समझ सकते हैं. आप पड़ोसियों और सहयोगियों के साथ छोटे मोटे टकराव से नहीं बच सकते.
ऐसा करे…
- परस्पर बातचीत से समस्या का निदान करें.
- अन्य व्यक्ति की अखंडता को चुनौती न दें.
- अपने पड़ोसियों और सहयोगियों की गोपनीयता का सम्मान करें.
- सड़क पर लड़ने से बचें. शायद जिस व्यक्ति के साथ आप लड़ रहे हैं वह नियंत्रण से बाहर है या उसका दिन बहुत बुरा गुजर रहा है.
- कीचड में पत्थर मारने से कीचड के अलावा कुछ नहीं हासिल होगा.
जीवन बहुत सुंदर है, परेशानियों को आमंत्रित न करे. मामूली मुद्दों पर नाराज होने से बचें. किसी बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा है “कोई भी आपकी सहमति के बिना आपको नीचा नहीं दिखा सकता “. अतः किसी भी गलत विचारधारा वाले व्यक्ति को अपने आप पर काबू न पाने दें और अनावश्यक रूप से अपने दिमाग पर कब्जा न करने दें.
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Anger Triggering Situation
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आर्यमौलिक says:
शानदार प्रेरक प्रेरणादायक 🙏
सितम्बर 19, 2021 — 11:34 पूर्वाह्न
Brrijesh upadhyay says:
धन्यवाद सर🙏
सितम्बर 19, 2021 — 11:35 पूर्वाह्न
आर्यमौलिक says:
🙏
सितम्बर 19, 2021 — 11:37 पूर्वाह्न