Motivational Story in Hindi

मेरा अंग्रेजी का भ्रम उस समय टूटा जब मैंने पहली बार अंग्रेजी का न्यूज़ पेपर खरीदा. और एक भी न्यूज़ ऐसा नहीं था जो मेरे अंग्रेजी ज्ञान की परिधि में आता हो.

यदि आपने पढाई पूरी कर ली है और अंग्रेजी में अभी तक हाँथ तंग है तो घबराने की आवश्यकता नहीं है. आप उन 99% लोगों में हैं जिनकी ऐसी समस्या है. कई बार तो English Medium से पढ़े लोग भी अंग्रेजी बोलने में झिझकते हैं. परन्तु मेरी समस्या तो और भी महान थी. मुझे लगता था मैं अच्छी अग्रेजी जानता हूँ. ऐसा तब होता है जब आप किसी छोटे गाँव या सहर में रहते हों, और आप मेधावी छात्रों में गिने जाते हों.

ऐसा तब होता है जब अपनी किताबों में आप पंडित हो गए हो, अंग्रेजी का ग्रामर भी रट लिए हो तथा अभी तक अंग्रेजी समाचार पत्र या चैनल से आपका सामना भी नहीं हुआ. संभवतः आप सोंच रहे होंगे ऐसा कैसे हो सकता है. परन्तु 90 के दशक में यह कोई बड़ी बात नहीं थी जब TV पर सामान्यतः एक ही चैनेल हुआ करता था – “दूरदर्शन”. घर के लोग हिंदी समाचार सुनने के पश्चात् टीवी बंद कर दिया करते थे.

मैंने पहली बार English News Paper लिया

पढाई पूरी करते ही मुंबई आ गया. मेरा अंग्रेजी का भ्रम उस समय टूटा जब मैंने पहली बार अंग्रेजी का न्यूज़ पेपर खरीदा. और एक भी न्यूज़ ऐसा नहीं था जो मेरे अंग्रेजी ज्ञान की परिधि में आता हो. लेकिन आज भी मेरे हौसले की मसाल जल रही थी. मुझे लगता था, न्यूज़ पढ़ते-पढ़ते समझ में आने लगेगा. और एक दिन मेरे हौसले ने दम तोड़ दिया. मेरी डिक्शनरी में प्रथम पैराग्राफ के सारे शब्द उपलब्ध ही नहीं थे.

अब मैं हताश हो चुका था. कई अनपढ़ अथवा कम पढ़े-लिखे लोगों में आज भी ज्ञानी था. लोगों को लगता था इस लड़के को बहुत अच्छी अंग्रेजी आती है. क्यों न हो मैं बच्चों को पढ़ा भी सकता था. धीरे-धीरे लोगों का मेरे प्रति विश्वास मुझे ही चुभने लगा. मैं अन्दर ही अन्दर शर्मिंदा था. जॉब पर जाने का मन नहीं करता. लोगों से दूरियां बढ़ाने लगा. मेरे ज्ञान के दुसरे पलड़े पर अंग्रेजी थी और वह पलड़ा दिन प्रतिदिन भारी पड़ता जा रहा था. सोशल मीडिया भी नहीं था की हिंदी की तारीफ़ कोई कर देता और मेरा नज़रिया बदल जाता.

समय बीतता गया और मैंने प्रयत्न जारी रखा. और वह दिन मेरे जीवन में आया जब मैं अंग्रेजी किताबें पढ़ सकता था, फ़िल्में देख सकता था और गाने भी सुन सकता था. यह सब कैसे हुआ इसी उद्द्येश्य को शेयर करने हेतु मैं यह लेख लिख रहा हूँ. सबसे पहले यह जानते हैं की अंग्रेजी के क्या फ़ायदे हैं?

अंग्रेजी जानना क्यों आवश्यक है?

अंग्रेजी को जानने वाला अंतर्राष्ट्रीय स्तर की किताबें पढ़ सकता है. विदेशी संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त होने के उपरांत वह नकारात्मक सोंच खत्म हो जाती है जिसकी वजह से हम अंग्रेजी से नफ़रत करते हैं. हमें यह भी पता चलता हैं की अंग्रेजी केवल उन अंग्रेजों की भाषा नहीं है जिन्होंने हमें गुलाम बनाया था. यह दुनियां की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. उद्योग जगत में भी इसके महत्व को नकारा नहीं जा सकता. अंग्रेजी के बिना कंप्यूटर ज्ञान भी अधूरा रहता है. अंग्रेजी जानने वाला औसतन अधिक कमाता है. और सबसे महत्वपूर्ण, यह भाषा भी अन्य भाषाओँ की भांति असभ्य नहीं हैं; केवल शिष्टाचार प्रकट करने का तरीका अलग है.

प्रतिभा अंग्रेजी की मोहताज नहीं

यदि आपको लगता है अंग्रेजी ही सब कुछ है, तो ठहरिये. प्रतिभा किसी भाषा की मोहताज नहीं होती. और जरुरी नहीं की हर पढ़ा – लिखा व्यक्ति ज्ञानी हो. इसलिए खुद को और दूसरों को भी, भाषा की तराजू पर तौलना बंद कीजिये. यदि फिर भी आप अंग्रेजी सीखना चाहते हैं तो जानिए वो तरीका जिसे मैंने इस्तेमाल किया और अंग्रेजी सीखा.

एक बच्चा दो साल में बोलना सीख जाता है

मेरे दिमाग में यह अवचेतना जागृत हुई, जब एक बालक दो वर्ष में अपनी मातृभाषा बोलना सुरु कर देता है, तो हम दो साल में दूसरी भाषा क्यों नहीं सीख सकते? निष्कर्ष यह है की वह बालक अपनी भाषा किसी भाषा के माध्यम से नहीं सीखता. वह उसे अनुभव करते हुए सीखता है. अर्थात यदि आपको अंग्रेजी सीखना है तो उसे अंग्रेजी में ही सीखें.

कैसे प्रारंभ करें?

सर्व प्रथम आपको ग्रामर समझना चाहिए. विशेषकर तब जब आप किसी अन्य भाषा से सुरुआत कर रहे हैं. इससे वाक्य का ढांचा समझ पाएंगे. आपका शब्दज्ञान 3000 शब्दों से अधिक होना चाहिए. घबराइए नहीं, यदि आपने दसवीं परीक्षा पास कर लिया हैं तो संभवतः आपको इतने शब्दों की जानकारी होगी. बस आपको अंदाजा नहीं है.

पुनः पहली कक्षा से प्रारंभ करें

इसका दो कारण है. प्रथम ये की स्कूल की किताबें कुछ इस तरह से तैयार की जाती हैं की आपको अधिक से अधिक शब्दों की जानकारी हो तथा ग्रामर का प्रयोग भी धीरे – धीरे जटिलता की ओर बढ़े. दूसरा कारण यह है की अंग्रेजी की किताबों में ज्यादातर कहानियां होती हैं. ये कहानियां इतनी रोचक और सहज होती हैं की हमारे दिमाग में चित्रित हो जाती हैं. और हम चित्र के माध्यम से कहानियों को समझते हैं तथा हमारा शब्द ज्ञान तेजी से बढ़ता है.

डिक्शनरी का इस्तेमाल

आपको एक अच्छी डिक्शनरी की आवश्यकता पड़ेगी. ऑक्सफ़ोर्ड या कैम्ब्रिज की English to English डिक्शनरी का इस्तेमाल करें. शब्दों को Synonyms के माध्यम से समझने की कोशिश करें.

शब्दों को चिन्हित करें

पढ़ते समय उन शब्दों को चिन्हित करें जिन्हें आप नहीं जानते और उन्हें डिक्शनरी में ढूंढें. अब अपने दिमाग पर जोर डालिए और ग्रामर के माध्यम से स्टोरी को समझने का प्रयत्न कीजिये. धीरे – धीरे ग्रामर पर आपका पकड़ बढ़ने लगेगा और आप सहजता से वाक्यों को समझने लगेंगे. एक दिन में केवल एक पाठ का अध्ययन करें और पिछले कुछ पाठों को पुनः पढ़कर देखें की सभी चिन्हित शब्द आपको याद हैं अथवा नहीं. इस प्रकार हर दिन आप 50 से अधिक शब्द सीख पाएंगे.

कहाँ तक पढ़ें?

इस प्रकार प्रथम कक्षा से ग्रेजुएशन तक की किताबें पढ़ें. यह यात्रा दो सालों में समाप्त हो जाएगी. एक साल तक इस प्रक्रिया में कोई अन्य किताब शामिल न करें या जब तक आप ग्रेजुएशन तक की अंग्रेजी किताबें न पढ़ लें. इसके बाद धार्मिक, ऐतिहासिक तथा अन्य विभिन्न विषयों पर किताबें पढ़ें. न्यूज़ पेपर पढना प्रारंभ करें. परन्तु शब्दों को चिन्हित करना और उन्हें पुन्हः पढ़ना न भूलें. हर दिन आप पिछले कई शब्दों को भूल जायेंगे. कई शब्दों की पुनरावृत्ति होगी. इस प्रकार आपका शब्दकोष जब 30000 शब्दों तक पहुंचेगा, आपको अच्छी अंग्रेजी समझ में आने लगेगी.

सुनने का अभ्यास करें

अंग्रेजी पढ़कर समझना और सुनकर समझने में बहुत अंतर है. यदि आप नेटिव स्पीकर को समझना चाहते हैं, तो अपने कानों को इसके लिए तैयार करें. इसके लिए Youtube पर विडियो देखें. अंग्रेजी समाचार सुनें, TED TALK सुनें, फ़िल्में देखें और समझने की कोशिश करें.

अंग्रेजी अपनी आदतों में शामिल करें

सोते जागते तथा नित्य कर्मों में अंग्रेजी का अभ्यास करें. अंग्रेजी में सोंचने का प्रयत्न करें. अंग्रेजी जानने वाले दोस्त बनाकर उनके साथ अंग्रेजी में चैटिंग करें. और अधिक से अधिक किताबें पढ़ें. 3 साल के निरंतर अभ्यास से आप अच्छी अंग्रेजी लिखने, बोलने और समझने लगेंगे.

और अंत में

ये तो था मेरे सीखने का तरीका. आप अपनी सुविधानुसार तथा टेक्नोलॉजी के आधार पर अपना तरीका भी विकसित कर सकते हैं. याद रखें सुरुआती कुछ कदम मुश्किलों भरे होते हैं. धीरे – धीरे सब कुछ आसान हो जाता है. आपको कम से कम शब्द चिन्हित करने पड़ते हैं. आपका दिमाग ट्रांसलेशन करना बंद कर देता है. जैसे – जैसे आप पढ़ते जाते हैं एक चित्र सा बनने लगता है.

जब आपको दूसरों की गलतियाँ समझ में आने लगे, जब आपको लगने लगे की गूगल आपकी भाषा का अंग्रेजी में गलत अनुवाद कर रहा है, तब जानिए आपको अंग्रेजी आ गई है. परन्तु फिर मैं आपका ध्यान चाहूँगा. किसी की विद्वत्ता या प्रतिभा भाषा के माध्यम से नहीं तौलनी चाहिए. यदि आपको हमारी कोशिश अच्छी लगी हो तो कृपया शेयर और सब्सक्राइब अवश्य करें. पढ़ने वालों की संख्या देखकर ही लिखने में आनंद की अनुभूति होती है.

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