Productive habit in everyday life

कुछ मिनट ज़्यादा मेहनत भरा व्यायाम करने की अपेक्षा अपने रोज़मर्रा के कामों में व्यायाम को शामिल करें. यह आप अपने ऑफ़िस में भी कर सकते हैं.

ज़ाहिर सी बात है, अपने बारे में तो कोई बुरा नहीं सोचता. और जब विषय स्वास्थ का हो, तो सबसे अधिक ला-परवाह व्यक्ति भी अपने लिए सकारात्मक सोच रखता है. नकारात्मक वह तब होता है जब अपने शरीर से कोई आवश्यक काम लेना हो.

आप सकारात्मक ऊर्जा की चरम सीमा पर उस समय पहुंचते हैं जब कोई प्रेरणास्पद लेख पढ़ते हैं या वीडियो देखते हैं. सोफे या बेड पर सोए हुए किसी से इंस्पायर्ड हो जाना डिजिटल युग में आम बात है. मजे की बात है कि आनन-फानन में आप फिटनेस प्लानिंग भी कर लेते हैं. परंतु सुबह होते ही सबकुछ दिमाग से रफ़ूचक्कर हो जाता है. आप कई बार खुद से अगले दिन का वादा करते हैं और बिस्तर है कि आपको छोड़ता ही नहीं. कुछ लोग तो एक से दो हफ्ते तक अपने प्लान पर अटल रहते हैं, परंतु एक दिन उन्हें भी बहाना मिल ही जाता है. कितना अच्छा हो कि हम अपने हर काम को करते हुए स्वस्थ रह सकें.

Productive habit in everyday life

हम अपने रोज़मर्रा की ज़िंदगी में ऐसे तमाम छोटे – छोटे काम कर सकते हैं जो हमें स्वस्थ रहने में सहायक हो सकते हैं. व्यायाम हमारे व्यवहार में शामिल होना चाहिए. कुछ मानसिक व्यायाम और कुछ शारीरिक.

कुछ अच्छी आदतों को अपना कर तो कुछ बुरी आदतों को त्याग कर हम ऊर्जा के अपार स्रोत से जुड़ सकते हैं.

प्रचूर मात्रा में पानी का सेवन करें

जैसा कि आप जानते हैं, शरीर का अधिकांश हिस्सा पानी से भरा है. हमें भोजन से अधिक पानी की आवश्यकता होती है. जब पानी की कमी शरीर को महसूस होती है तो सीने में बेचैनी होने लगती है. हमारी ताक़त क्षीण हो जाती है.

हमें अधिक खाने की आदत होती है. स्वादिष्ट भोजन 99% लोगों की कमज़ोरी होती है. कभी – कभी हम प्यास को भी भूख समझ बैठते हैं. अतः भोजन के अंतराल में पर्याप्त पानी पिएं. यदि संभव हो तो चाय के स्थान पर पानी पीने का प्रयत्न करें. जब शरीर में सुस्ती महसूस हो तो भी पानी पिएं. ऐसा करने से आप अधिक फ्रेश फील करेंगे.

गहरी सांस लें

अपनी व्यस्तताओं से कुछ समय निकालकर एक दो मिनट गहरी सांस लें. ताजी हवा को अपने फेफड़ों में अनुभव करें. सांसों को छोड़ते समय तनाव, ग्लानि, ईर्ष्या, और हीनता को अपने अंदर से निकाल फेंके. जो कुछ सीने में बोझ सा प्रतीत होता हो, उसे मुक्त कर दें.

गहरी सांस लेने और छोड़ने की यह प्रक्रिया एक प्रकार का मैडिटेशन है. ऐसा करने से आप मानसिक एवं शारीरिक सुख और शांति की अनुभूति करेंगे.

स्ट्रेचिंग करें

प्रत्येक घंटे अपने हाथों को, मेरुदंड को, और जहां भी स्ट्रेस महसूस हो रहा हो, उसे स्ट्रेच करें. एक से दो मिनट कंधे को अथवा जोड़ों को मूवमेंट दें, इससे आपका स्ट्रेस कम होगा और आराम भी मिलेगा.

Posture Correction

यह एक नया ट्रेंड है, और इसका मतलब है अपने शारीरिक ढांचे को व्यवस्थित रखना. अत्यधिक कार्यभार अथवा थकान या मायूसी की वजह से हमारे कंधे झुक जाते हैं. कमर में भी झुकाव आ जाता है, डर और अनावश्यक शिष्टाचार की वजह से सिर का झुके रहना इत्यादि हमारे शारीरिक ढांचे को बिगाड़ देता है.

जीवन में अहंकार के स्थान पर स्वाभिमान को जगाएं. सर ऊंचा रखें, सीना आगे की तरफ और कंधे पीछे. अपना संपूर्ण हाइट महसूस करें. उठते – बैठते, चलते – फिरते इसे अपने व्यवहार में शामिल रखें.

काम से न घबराएं

जब आप किसी काम से घबरा जाते हैं, तो उसे पूर्ण करना लगभग मुश्किल हो जाता है. आप चाह कर भी वह कार्य नहीं कर सकते. आपको काम टालने की आदत पड़ जाती है. ऐसी गलत आदतें काम को बढ़ाती हैं.

यदि आप कोई काम समय पर सम्पन्न करना चाहते हैं तो उस काम को समय पर शुरू भी करना होगा. जब किसी काम की शुरुआत हो जाती है तो हमारा दिमाग उसे कम्पलीट करने के बारे में सोचने लगता है, न कि टालने के बारे में. 

कोई बड़ा से बड़ा काम हो, उसे छोटे – छोटे टुकड़ों में बाटेंगे तो वह बड़ा नहीं रह जायेगा. इस पद्धति से आप बड़े से बड़ा कार्य समय पर प्रारम्भ करके, बिना किसी डर – भय के वशीभूत हुए समय पर सम्पन्न कर सकते हैं.

प्रकृति की सुंदरता अप्रतिम है

प्रकृति बहुत ही सुंदर है. आद्यान्तहीन और अचिन्त्य है. इसकी सुंदरता अपनी आंखों में भरो. खुले आसमान, उड़ते बादल, सूरज की गर्मी, चंद्रमा की शीतलता, पत्तियों और फूलों का कोमलपन, फ़सलों की तरुणाई, उनके नाना प्रकार के रंग, सुगंध, स्वाद तथा करोड़ों प्रकार के जीव और उनकी आवाजें. पक्षियों का कलरव, झरनों का संगीत सब कुछ महसूस करो. आप ऊर्जा से भर जाएंगे.

इस महान प्रकृति में आप कहाँ ठहरते हैं, जरा सोचिए – आपका झूठा अभिमान खत्म हो जाएगा. ईश्वर के प्रति तथा उसकी महान प्रकृति के प्रति सम्मान जागृत हो जाएगा. आपको ईश्वर का धन्यवाद करना चाहिए जिसने आपको वो सब कुछ दिया है जो लाखों लोगों के नसीब में नहीं. जो आपके पास है उसमें संतुष्ट रहने का प्रयत्न करें. यही वास्तविक जीवन है और स्वस्थ जीवन का बीज मंत्र भी. 

Conclusion –  Productive habit in everyday life

हमें अपने तन और मन को स्वस्थ तथा उर्जावान रखने के लिए निम्नलिखित कार्य करने चाहिए. 

शारीरिक व्यायाम 

  • अपने कंधे, कमर तथा जोड़ों को मूवमेंट दें.
  • जहाँ स्ट्रेस फील हो रहा हो उसे स्ट्रेच करें.
  • गहरी सांस लें तथा उसको अपने अंदर अनुभव करें.
  • अपने शारीरिक ढांचे को व्यवस्थित रखें.

मानसिक व्यायाम 

  • अपने अंदर से ईर्ष्या, ग्लानी, घृणा, हीनता, क्रोध इत्यादि आतंरिक शत्रुओं को निकाल फेंकें.
  • प्रकृति के सुंदरता को अपने अंदर समेटें.
  • जब – जब तनावग्रस्त महसूस करें, तुरंत मैडिटेशन करें.
  • ईश्वर को धन्यवाद् करें. बहुत कुछ आपके पास है जो कितनों को नसीब नहीं.

आदतों को बदलें

  • प्रचुर मात्रा में पानी पियें.
  • सोने – उठने और भोजन इत्यादि का समय निर्धारित करें तथा उसका अनुशासित रूप से पालन करें.
  • बड़े कामों को छोटे – छोटे फ्रैक्शन में बांटकर उसे छोटा कर दें.
  • यदि समय पर किसी कार्य को ख़तम करना है तो उस कार्य को समय पर प्रारंभ करें.

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